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M.D. JAIN INTER COLLEGE

 NATIONAL SERVICE SCHEME

(YOUTH WELFARE & SPORTS MINISTRY,GOVERNMENT OF INDIA) 

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HARIPARWAT, AGRA

" मै नही तुम "​

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DR. ANSHUMALI SHARMA
                SLO, NSS UP

        DR. ASHOK SHROTI
REGIONAL DIRECTOR NSS

    JITENDRA KUMAR MALIK
DY. DIRECTOR REGION AGRA

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PROGRAM OFFICER

PROGRAM OFFICER

RATAN SAIN JAIN

SANJAY KUMAR JAIN

PRINCIPAL

SHRI G.L. JAIN

स्वैच्छिक समुदाय सेवा के माध्यम से युवा छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र के विकास के प्राथमिक उद्देश्य से राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को 1969 में शुरू किया गया था। शुरूआत में इसे 37 विश्वविद्यालयों में शुरू किया गया था जिसमें लगभग 40,000 स्वयंसेवियों को शामिल किया गया था। हालांकि, समय बीतने के साथ-साथ  अखिल भारतीय कार्यक्रम बन गया। एनएसएस के अंतर्गत आने वाले शैक्षणिक संस्थानों की संख्या में प्रतिवर्ष बढ़ोत्तरी हो रही है। वर्तमान में 39,695 एनएसएस इकाइयों में 36.5 लाख से अधिक स्वयंसेवी हैं जो देश के 391 विश्वविद्यालयों / +2 परिषदों, 16,278 कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों तथा 12,483 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में फैले हुए हैं। इसकी स्थापना के बाद से, 4.78 करोड़ छात्रों को एनएसएस से लाभ हुआ है।

  प्रत्येक एनएसएस स्वयंसेवी को प्रति वर्ष कम से कम 120 घंटे अर्थात दो साल में 240 घंटे की सेवा करना अनिवार्य होता है। यह कार्य एनएसएस शाखाओं द्वारा अपनाए गए गांवों/झोपड़ियों या स्कूल / कॉलेज परिसरों में किया जाता है। आमतौर पर अध्ययन के घंटों के बाद इसे सप्ताहांत / छुट्टियों के दौरान किया जाता है। इसके अलावा, प्रत्येक एनएसएस इकाई स्थानीय समुदायों को शामिल करके कुछ विशेष परियोजनाओं के साथ छुट्टियों में अपनाए गए गांवों या शहरी झुग्गियों में 7 दिनों की अवधि के विशेष शिविरों का आयोजन करती है। प्रत्येक स्वयंसेवक को 2-वर्ष की अवधि के दौरान एक बार विशेष शिविर में भाग लेना जरूरी होता है। इस प्रकार, एक इकाई से लगभग 50 प्रतिशत एनएसएस स्वयंसेवी विशेष शिविर में भाग लेते हैं।

एनएसएस इकाइयां उस गतिविधि का आयोजन कर सकती है जो समुदाय के लिए प्रासंगिक है। समुदाय की जरूरतों के अनुसार गतिविधियां जारी हैं। मुख्य गतिविधियों वाले क्षेत्रों में शिक्षा और साक्षरता, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और पोषण, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सेवा कार्यक्रम, महिलाओं की स्थिति में सुधार, उत्पादन उन्मुख कार्यक्रम, आपदा राहत तथा पुनर्वास संबंधी कार्यक्रम, सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान, डिजिटल भारत, कौशल भारत, योग इत्यादि जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता पैदा करना आदि शामिल है।

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